Rumored Buzz on Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
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अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो Shiv chaisa ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।